शीर्षक : कुहासे के गीत
लेखक : शशि
मेरे विचार :
सुनी तो बहुत होंगी वेदो की कथा। परन्तु कई दफा हम जीवन के ऐसे मोड़ पे आ जाते हैं कि उन सब कथाओं पर सवाल उठने लगते हैं। यह उन सवालो में से होते हैं जिनका हर किसी के पास जवाब नहीं होता है। इनमे से कही सवाल जीवन के मूल्य पर केंद्रित होते हैं। 'कुहासे के गीत' पांच किरदारों की ज़िन्दगी का विवरण हैं. कैसे इन किरदारों की ज़िन्दगी एक डोर से जोड़ती हैं , और इनकी कहानी एक उदाहरण बनकर ज़िंदगी की परिभाषा बतलाती हैं।
शुरुआत के कुछ पन्नो ने यह एहसास दिलाया कि इस पुस्तक में प्रस्तुत कहानी आशाओ के निकट भी नहीं आ पाएगी । परन्तु जैसे-जैसे यह यात्रा आगे की और बढ़ी वैसे ही कहानी में दिलचस्पी बनने सी लगी। प्रारम्भ में रूचि न आने का श्रेय मैं दार्शनिक ढलान को देना चाहूंगी। जब लेखक ने नायक की ज़िन्दगी की व्यथा को बयान किया कहानी अपने आप ही आनंदमयी होने लगी। अगर शुरुआत में ही व्यथा की प्रस्तुति होती और मध्य -यात्रा में दार्शनिक सामाग्री का प्रदर्शन होता तो कहानी का मज़ा ही कुछ और होता। पर यह विषय चिंता का तभी हैं जब पाठक अपनी रूचि न दिखा कर आगे न पढ़ने का फैसला ले. अन्यथा एक बार जब पाठक इस यात्रा में मग्न हो जाए , इस कहानी के अंत को स्पर्श कर के ही चैन ले.
समय की छोटी टुकड़ियों पर ही भिन्न स्वभाव का विमोचन व्यतीत हुआ। इसका मुख्य कारण में नायक परिवर्तन को देने चाहूँगी जो कि बड़ी शीघ्रता से बदलते गए. एक स्वभाव में ढलने लिए पाठक को कुछ समय की अनिवार्यता होती है जो कि उसे कम महसूस होगी। एक पहल से दूसरे पहल में ढलने के लिए और रुचि बनाये रखने लिए पाठक को आवश्यक हैं कि वो पूरी तरह से उस विवरण में अपनी पकड़ जमा सके। अन्यथा प्रदर्शित कहानी मात्र एक कहानी बन के रह जाएगी नाही की जीवन का एक हिस्सा। और हर पाठक कि यही आशा होती हैं कि वो किरदार से पूरी तरह घुल मिल जाए, और प्रस्तुत कहानी को अपने जीवन का हिस्सा मान कर ही इस यात्रा का संपूर्ण आनंद ले।
प्राकृतिक सौंदर्यता का वर्णन काफी रोमांचक लगा। उस का विवरण जिस प्रकार शब्दों में बयान हुआ वह कल्पना करते समय बेहद मददगायी साबित हुआ। जीवन एक बहुत ही रहस्यमयी पुस्तक हैं. इसका हर एक पृष्ठ एक नयी चुनोती , एक नयी उमंग के साथ प्रवेश लेता हैं। शशि ने इस पुस्तक में हर एक पन्नो में जीवन की व्यथा बताने का प्रयत्न किया हैं। यूं तो हर एक की ज़िन्दगी अलग कहानी बतलाती हैं , परन्तु वो एक ही डोर से जुडी होती हैं। मुख्य नायक आशुतोश की कहानी से लेखक जिस प्रकार जीवन के गणित का जोड़ - घटाव बतला रहा हैं वो तारीफ़ के काबिल हैं। लेखन ने काफी मदत की इस यात्रा को आगे बढ़ाने में। मानो इंजन की तरह काम किया।
मूल्यांकन : ३.५ /५
लेखक : शशि
मेरे विचार :
सुनी तो बहुत होंगी वेदो की कथा। परन्तु कई दफा हम जीवन के ऐसे मोड़ पे आ जाते हैं कि उन सब कथाओं पर सवाल उठने लगते हैं। यह उन सवालो में से होते हैं जिनका हर किसी के पास जवाब नहीं होता है। इनमे से कही सवाल जीवन के मूल्य पर केंद्रित होते हैं। 'कुहासे के गीत' पांच किरदारों की ज़िन्दगी का विवरण हैं. कैसे इन किरदारों की ज़िन्दगी एक डोर से जोड़ती हैं , और इनकी कहानी एक उदाहरण बनकर ज़िंदगी की परिभाषा बतलाती हैं।
शुरुआत के कुछ पन्नो ने यह एहसास दिलाया कि इस पुस्तक में प्रस्तुत कहानी आशाओ के निकट भी नहीं आ पाएगी । परन्तु जैसे-जैसे यह यात्रा आगे की और बढ़ी वैसे ही कहानी में दिलचस्पी बनने सी लगी। प्रारम्भ में रूचि न आने का श्रेय मैं दार्शनिक ढलान को देना चाहूंगी। जब लेखक ने नायक की ज़िन्दगी की व्यथा को बयान किया कहानी अपने आप ही आनंदमयी होने लगी। अगर शुरुआत में ही व्यथा की प्रस्तुति होती और मध्य -यात्रा में दार्शनिक सामाग्री का प्रदर्शन होता तो कहानी का मज़ा ही कुछ और होता। पर यह विषय चिंता का तभी हैं जब पाठक अपनी रूचि न दिखा कर आगे न पढ़ने का फैसला ले. अन्यथा एक बार जब पाठक इस यात्रा में मग्न हो जाए , इस कहानी के अंत को स्पर्श कर के ही चैन ले.
समय की छोटी टुकड़ियों पर ही भिन्न स्वभाव का विमोचन व्यतीत हुआ। इसका मुख्य कारण में नायक परिवर्तन को देने चाहूँगी जो कि बड़ी शीघ्रता से बदलते गए. एक स्वभाव में ढलने लिए पाठक को कुछ समय की अनिवार्यता होती है जो कि उसे कम महसूस होगी। एक पहल से दूसरे पहल में ढलने के लिए और रुचि बनाये रखने लिए पाठक को आवश्यक हैं कि वो पूरी तरह से उस विवरण में अपनी पकड़ जमा सके। अन्यथा प्रदर्शित कहानी मात्र एक कहानी बन के रह जाएगी नाही की जीवन का एक हिस्सा। और हर पाठक कि यही आशा होती हैं कि वो किरदार से पूरी तरह घुल मिल जाए, और प्रस्तुत कहानी को अपने जीवन का हिस्सा मान कर ही इस यात्रा का संपूर्ण आनंद ले।
प्राकृतिक सौंदर्यता का वर्णन काफी रोमांचक लगा। उस का विवरण जिस प्रकार शब्दों में बयान हुआ वह कल्पना करते समय बेहद मददगायी साबित हुआ। जीवन एक बहुत ही रहस्यमयी पुस्तक हैं. इसका हर एक पृष्ठ एक नयी चुनोती , एक नयी उमंग के साथ प्रवेश लेता हैं। शशि ने इस पुस्तक में हर एक पन्नो में जीवन की व्यथा बताने का प्रयत्न किया हैं। यूं तो हर एक की ज़िन्दगी अलग कहानी बतलाती हैं , परन्तु वो एक ही डोर से जुडी होती हैं। मुख्य नायक आशुतोश की कहानी से लेखक जिस प्रकार जीवन के गणित का जोड़ - घटाव बतला रहा हैं वो तारीफ़ के काबिल हैं। लेखन ने काफी मदत की इस यात्रा को आगे बढ़ाने में। मानो इंजन की तरह काम किया।
मूल्यांकन : ३.५ /५
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