एहसास by Tanu Shaunak

Tanushaunak.png



कलम चल रही कागज़ पर
पिघल रहे मेरे एहसास
कभी बन रहे लफ़ज़ अश्क़ों से
कभी बयां हो रहे लम्हे खास
कलम चल रही कागज़ पर....


ज़िन्दगी अजब रंगों में खिलखिला रही
अनजाने हालातों से मिला रही
दूर बैठों से हो रही गुफ्तुगू
आँख भी नहीं मिला रहे जो बैठे हैं पास
कलम चल रही कागज़ पर.....


हसीं ढूंढने दर बदर भटक रहे
हस टी हस्ते जाने क्यों आँख भरे
दिल की धड़कन हो रही तेज़
बुझ रही जो जगी थी आस
कलम चल रही कागज़ पर
पिघल रहे मेरे एहसास
पिघल रहे मेरे एहसास



Tanu Shaunak

Comments